श्रीगंगानगर का इतिहास :- यह बीकानेर के शासक महाराजा गंगासिंह जी द्वारा बसाया गया। अतः जिल इसका नाम महाराजा गंगासिंह के नाम पर श्री गंगानगर रखा गया। महाराजा गंगासिंह ने 1927 में गंगनहर का निर्माण करवाया, जिससे यह मरुस्थली इलाका हरा भरा हो गया है। गंगानगर का पूर्व नाम राम नगर था। बीकानेर संभाग के चार जिलों में यह सुदूर उत्तरी जिला है।
![श्रीगंगानगर का इतिहास](https://pastpuzzler.in/wp-content/uploads/2023/09/जैसलमेर-का-इतिहास-4-1-1024x580.png)
- स्थिति : 28°4′ से 30°6′ उत्तरी अक्षांश व 72°3′ से 75°3′ पूर्वी देशान्तर
- क्षेत्रफल : 10978 वर्ग किमी.
- गंगानगर में 9 उपखंड, 9 तहसीलें व १ पंचायत समितियाँ हैं ।
श्रीगंगानगर का इतिहास : प्रमुख दर्शनीय स्थल
गुरूद्वारा बुड्ढा जोहड़
राजस्थान के गंगानगर जिले के रायसिंह नगर कस्बे के पास डाबला गाँव के समीप स्थित यह ऐतिहासिक गुरूद्वारा राजस्थान के प्रमुख गुरूद्वारों में माना गया है। सिख सम्प्रदाय में इस गुरूद्वारे की बहुत मान्यता है। यहाँ पर हर माह की अमावस्या को मेला भरता है। श्रावण मास की अमावस को यहाँ बड़ा मेला लगता है। इस गुरुद्वारे का निर्माण सन्त बाबा फतेहसिंह की देखरेख में करवाया गया। यह राजस्थान का सबसे विशाल गुरुद्वारा है ।
डाडा पम्पाराम का डेरा, विजयनगर
श्रीगंगानगर जिले में यह पम्पाराम जी का समाधि स्थल एवं सिक्ख सम्प्रदाय का धार्मिक स्थल है।
हिन्दुमल कोट
प्रतिवर्ष फाल्गुन माह में 7 दिवसीय मेला भरता है।
लैला मजनूँ की मजार
अनूपगढ़ में स्थित मजार ।
अन्य स्थल
सूरतगढ़ तापीय विद्युत परियोजना, राष्ट्रीय कला मंदिर |
महत्त्वपूर्ण तथ्य
घग्घर नदी: यह नदी गंगानगर की प्रमुख नदी है। वर्ष 1955 तक यह नदी हनुमानगढ़ तक ही पहुँचती थी, लेकिन अधिक बाढ़ आने पर यह पाकिस्तान में फोर्ट अब्बास तक पहुँच जाती है। घग्घर नदी में बाढ़ के पानी से गंगानगर जिले में सूरतगढ़ व अनूपगढ़ क्षेत्र का कुछ भाग सिंचित होता है। पाकिस्तान में इस नदी को हाकरा के नाम से जाना जाता है।
- घग्घर नदी : यह नदी गंगानगर की प्रमुख नदी है। वर्ष 1955 तक यह नदी हनुमानगढ़ तक ही पहुँचती थी, लेकिन अधिक बाढ़ आने पर यह पाकिस्तान में फोर्ट अब्बास तक पहुँच जाती है। घग्घर नदी में बाढ़ के पानी से गंगानगर जिले में सूरतगढ़ व अनूपगढ़ क्षेत्र का कुछ भाग सिंचित होता है। पाकिस्तान में इस नदी को हाकरा के नाम से जाना जाता है।
- गंगानगर शुगर फैक्ट्री को गंगानगर से तहसील करणपुर के गाँव कमीनपुरा में स्थानान्तरित किया गया है।
- राजस्थान में सूर्य किरणों का सर्वाधिक तिरछापन गंगानगर जिले में ही होता है। राजस्थान में सर्वाधिक धूल भरी आंधियाँ गंगानगर जिले है। राज्य में सर्वाधिक गेहूँ उत्पादित करने वाले इस भाग को ‘राजस्थान का अन्न भंडार’ कहा जाता है।
- अमेरिकन कपास उत्पादन की दृष्टि से भी यह राजस्थान का महत्त्वपूर्ण जिला है। यहाँ कपास शोध संस्थान स्थापित है।
- बुड्ढा जोहड़ यहाँ की प्रमुख झील है।
- राजस्थान में सर्वाधिक नहरी सिंचाई क्षेत्र भी गंगागनर जिले में है।
- राज्य में सर्वाधिक सिख आबादी व सर्वाधिक अनुसूचित जाति गंगानगर जिले में है।
- सूरतगढ़ कृषि फार्म : तत्कालीन सोवियत संघ की सहायता से यह एशिया का सबसे बड़ा यांत्रिक कृषि फार्म 1956 में सूरतगढ़ में स्थापित किया गया है।
- जैतसर कृषि फार्म : कनाडा की सहायता से जैतसर में स्थापित।
- गंगनहर : गंगनहर ‘गंगानगर की जीवन रेखा’ है। इसका निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने 1927 में करवाया। यह राजस्थान की प्राचीनतम नहर है। पंजाब में बहने के बाद इस नहर का प्रवेश गंगानगर के खक्खन गाँव में होता है।
- राजस्थान का पहला सुपर थर्मल पावर स्टेशन गंगानगर में सूरतगढ़ में ठुकराणा गाँव में स्थापित किया गया।
- कोणा गाँव : राजस्थान का उत्तरी छोर ।
- गजसिंहपुरा : गंगानगर जिले का यह गाँव कृषिगत औजार के लिए जान जाता है।
- बरोर : इस गाँव में सरस्वती परियोजना के अंतर्गत खुदाई में प्राचीनतम सरस्वती नदी घाटी के अवशेष प्राप्त हुए हैं। (श्रीगंगानगर का इतिहास)
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निष्कर्ष:
आज के इस आर्टिकल में हमारी टीम ने श्रीगंगानगर का इतिहास के बारे में विस्टर्ट जानकारी प्रदान की है, श्रीगंगानगर का इतिहास के साथ साथ श्रीगंगानगर के महत्वपूर्ण तथ्यों का भी वर्णन किया है।
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